Showing posts with label bollywood news. Show all posts
Showing posts with label bollywood news. Show all posts

Saturday 8 October 2016

Viral Photos : ये है बिग बी की नातिन नव्या का सोशल मीडिया जलवा

Navya naveli party photos
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा आजकल आए दिन सुर्खियां बटोर रही है, हाल ही में नव्या की पार्टी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. इन पिक्चर्स में नव्या अपने दोस्तों के साथ पार्टी एन्जॉय करते हुए नजर आ रही है, नव्या की दोस्तों के साथ पार्टी फोटोज प्रायः सोशल मीडिया पर धमाल मचाती रहती है.

Navya naveli photos
आपको जानकारी हो तो कुछ दिन पहले एंग्री मेन ने अपनी पोती और नातिन को एक प्यार भरा खत लिखा था जो दिल को छू लेने वाला था, जिसके बाद से ही नव्या काफी सुर्ख़ियों में बनी हुई है. अमित जी ने खत में समाज में महिलाओं को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी और अपनी पोती और नातिन को इसी खत के माध्यम से कहा था की तुम हिम्मत के साथ समाज का सामना करो और अपने फैसले समझदारी से लेना. 

Amitabh grand daughter navya
आज समाज को ऐसे ही पिता, भाई, पति और दादा-नाना की जरुरत है जो आने वाली पीढ़ी को जागरूक करे और उनको समाज में जीने के लिए हिम्मत दे.

Related Articles-

Viral Photos : ये है बिग बी की नातिन नव्या का सोशल मीडिया जलवा

Navya naveli party photos
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा आजकल आए दिन सुर्खियां बटोर रही है, हाल ही में नव्या की पार्टी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. इन पिक्चर्स में नव्या अपने दोस्तों के साथ पार्टी एन्जॉय करते हुए नजर आ रही है, नव्या की दोस्तों के साथ पार्टी फोटोज प्रायः सोशल मीडिया पर धमाल मचाती रहती है.

Navya naveli photos
आपको जानकारी हो तो कुछ दिन पहले एंग्री मेन ने अपनी पोती और नातिन को एक प्यार भरा खत लिखा था जो दिल को छू लेने वाला था, जिसके बाद से ही नव्या काफी सुर्ख़ियों में बनी हुई है. अमित जी ने खत में समाज में महिलाओं को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी और अपनी पोती और नातिन को इसी खत के माध्यम से कहा था की तुम हिम्मत के साथ समाज का सामना करो और अपने फैसले समझदारी से लेना. 

Amitabh grand daughter navya
आज समाज को ऐसे ही पिता, भाई, पति और दादा-नाना की जरुरत है जो आने वाली पीढ़ी को जागरूक करे और उनको समाज में जीने के लिए हिम्मत दे.

Related Articles-

Viral Photos : ये है बिग बी की नातिन नव्या का सोशल मीडिया जलवा

Navya naveli party photos
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा आजकल आए दिन सुर्खियां बटोर रही है, हाल ही में नव्या की पार्टी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. इन पिक्चर्स में नव्या अपने दोस्तों के साथ पार्टी एन्जॉय करते हुए नजर आ रही है, नव्या की दोस्तों के साथ पार्टी फोटोज प्रायः सोशल मीडिया पर धमाल मचाती रहती है.

Navya naveli photos
आपको जानकारी हो तो कुछ दिन पहले एंग्री मेन ने अपनी पोती और नातिन को एक प्यार भरा खत लिखा था जो दिल को छू लेने वाला था, जिसके बाद से ही नव्या काफी सुर्ख़ियों में बनी हुई है. अमित जी ने खत में समाज में महिलाओं को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी और अपनी पोती और नातिन को इसी खत के माध्यम से कहा था की तुम हिम्मत के साथ समाज का सामना करो और अपने फैसले समझदारी से लेना. 

Amitabh grand daughter navya
आज समाज को ऐसे ही पिता, भाई, पति और दादा-नाना की जरुरत है जो आने वाली पीढ़ी को जागरूक करे और उनको समाज में जीने के लिए हिम्मत दे.

Related Articles-

Viral Photos : ये है बिग बी की नातिन नव्या का सोशल मीडिया जलवा

Navya naveli party photos
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा आजकल आए दिन सुर्खियां बटोर रही है, हाल ही में नव्या की पार्टी फोटोज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. इन पिक्चर्स में नव्या अपने दोस्तों के साथ पार्टी एन्जॉय करते हुए नजर आ रही है, नव्या की दोस्तों के साथ पार्टी फोटोज प्रायः सोशल मीडिया पर धमाल मचाती रहती है.

Navya naveli photos
आपको जानकारी हो तो कुछ दिन पहले एंग्री मेन ने अपनी पोती और नातिन को एक प्यार भरा खत लिखा था जो दिल को छू लेने वाला था, जिसके बाद से ही नव्या काफी सुर्ख़ियों में बनी हुई है. अमित जी ने खत में समाज में महिलाओं को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी और अपनी पोती और नातिन को इसी खत के माध्यम से कहा था की तुम हिम्मत के साथ समाज का सामना करो और अपने फैसले समझदारी से लेना. 

Amitabh grand daughter navya
आज समाज को ऐसे ही पिता, भाई, पति और दादा-नाना की जरुरत है जो आने वाली पीढ़ी को जागरूक करे और उनको समाज में जीने के लिए हिम्मत दे.

Related Articles-

Thursday 29 September 2016

अब भगवान भरोसे भारत-पाक फिल्म उद्योग

Pakistan vs Indian film industry
भारत पाकिस्तान के बीच जिस प्रकार का द्वन्द यद्ध चल रहा है उसे देखकर लगता है पाकिस्तान पर आने वाले समय में संकट के बादल और गहरे छा जाएंगे. इसके चलते पाकिस्तान के फिल्म उद्योग को भी चिंता सताने लगी  है कि अगर भारत-पाकिस्तान संबंध और ज्यादा बदतर होते हैं और साथ ही देश में हिन्दी फिल्मों पर प्रतिबंध लग जाता है तो उसे लगभग 70 प्रतिशत नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

साथ ही भारतीय फिल्म जगत में काम करने वालो को भी डर है कि अगर यह स्थिति बेहतर नहीं हो पाती है तो फिर आगे भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की आवाज उठेगी।मशहूर जाने-माने प्रदर्शकवितरक और एट्रियम सिनेप्लेक्स सीरीज़ के मालिक नदीम मंडविवल्ला का कहना है कि 'मैं निराशावादी बातें नहीं करना चाहता हूं लेकिन सच्चाई यह है कि नई हिन्दी और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के प्रदर्शित होने के कारण पिछले कुछ साल में पाक के फिल्म उद्योग को एक उंचाई मिली है जो काफी सराहनीय बात है।

Bollywood actress

उन्होंने आगे यह भी बताया है कि, 'मैं केवल यह उम्मीद करता हूं कि लंबी समयावधि तक संबंधों में तनाव नहीं रहना चाहिए,यहां तक कि अगर इस उद्योग पर एक अस्थायी प्रतिबंध लगाया जाता है तो हम पर इसका खास असर नहीं पड़ेगालेकिन अगर कोई स्थायी प्रतिबंध लगता है तो ऐसी संभावना है कि ढेर सारे सिनेमा घर और मल्टीप्लेक्स बंद हो जाएंगे जिससे बेरोजगारी बढेगी।'

एक और फेमस फिल्म समीक्षक उमर अलवी ने कहा कि सिनेमा के पर्दों और टैक्स में बढ़ोतरी के कारण भी पाकिस्तानी फिल्म उद्योग का पुनरुत्थान हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि, 'कई पाकिस्तानी फिल्में प्रदर्शित हुई हैं और अच्छा काम कर रही हैं और कई अन्य प्रदर्शित होने के लिए कतार में लगी हैंलेकिन किसी सिनेमा जगत को सुचारू रूप से बने रहने के लिए एक साल में कम से कम 50 से 60 फिल्मों का निर्माण करना चाहिए जो हम इस वक्त कर पाने में असमर्थ हैं।

सम्बंधित लेख -


अब भगवान भरोसे भारत-पाक फिल्म उद्योग

Pakistan vs Indian film industry
भारत पाकिस्तान के बीच जिस प्रकार का द्वन्द यद्ध चल रहा है उसे देखकर लगता है पाकिस्तान पर आने वाले समय में संकट के बादल और गहरे छा जाएंगे. इसके चलते पाकिस्तान के फिल्म उद्योग को भी चिंता सताने लगी  है कि अगर भारत-पाकिस्तान संबंध और ज्यादा बदतर होते हैं और साथ ही देश में हिन्दी फिल्मों पर प्रतिबंध लग जाता है तो उसे लगभग 70 प्रतिशत नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

साथ ही भारतीय फिल्म जगत में काम करने वालो को भी डर है कि अगर यह स्थिति बेहतर नहीं हो पाती है तो फिर आगे भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की आवाज उठेगी।मशहूर जाने-माने प्रदर्शकवितरक और एट्रियम सिनेप्लेक्स सीरीज़ के मालिक नदीम मंडविवल्ला का कहना है कि 'मैं निराशावादी बातें नहीं करना चाहता हूं लेकिन सच्चाई यह है कि नई हिन्दी और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के प्रदर्शित होने के कारण पिछले कुछ साल में पाक के फिल्म उद्योग को एक उंचाई मिली है जो काफी सराहनीय बात है।

Bollywood actress

उन्होंने आगे यह भी बताया है कि, 'मैं केवल यह उम्मीद करता हूं कि लंबी समयावधि तक संबंधों में तनाव नहीं रहना चाहिए,यहां तक कि अगर इस उद्योग पर एक अस्थायी प्रतिबंध लगाया जाता है तो हम पर इसका खास असर नहीं पड़ेगालेकिन अगर कोई स्थायी प्रतिबंध लगता है तो ऐसी संभावना है कि ढेर सारे सिनेमा घर और मल्टीप्लेक्स बंद हो जाएंगे जिससे बेरोजगारी बढेगी।'

एक और फेमस फिल्म समीक्षक उमर अलवी ने कहा कि सिनेमा के पर्दों और टैक्स में बढ़ोतरी के कारण भी पाकिस्तानी फिल्म उद्योग का पुनरुत्थान हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि, 'कई पाकिस्तानी फिल्में प्रदर्शित हुई हैं और अच्छा काम कर रही हैं और कई अन्य प्रदर्शित होने के लिए कतार में लगी हैंलेकिन किसी सिनेमा जगत को सुचारू रूप से बने रहने के लिए एक साल में कम से कम 50 से 60 फिल्मों का निर्माण करना चाहिए जो हम इस वक्त कर पाने में असमर्थ हैं।

सम्बंधित लेख -


अब भगवान भरोसे भारत-पाक फिल्म उद्योग

Pakistan vs Indian film industry
भारत पाकिस्तान के बीच जिस प्रकार का द्वन्द यद्ध चल रहा है उसे देखकर लगता है पाकिस्तान पर आने वाले समय में संकट के बादल और गहरे छा जाएंगे. इसके चलते पाकिस्तान के फिल्म उद्योग को भी चिंता सताने लगी  है कि अगर भारत-पाकिस्तान संबंध और ज्यादा बदतर होते हैं और साथ ही देश में हिन्दी फिल्मों पर प्रतिबंध लग जाता है तो उसे लगभग 70 प्रतिशत नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

साथ ही भारतीय फिल्म जगत में काम करने वालो को भी डर है कि अगर यह स्थिति बेहतर नहीं हो पाती है तो फिर आगे भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की आवाज उठेगी।मशहूर जाने-माने प्रदर्शकवितरक और एट्रियम सिनेप्लेक्स सीरीज़ के मालिक नदीम मंडविवल्ला का कहना है कि 'मैं निराशावादी बातें नहीं करना चाहता हूं लेकिन सच्चाई यह है कि नई हिन्दी और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों के प्रदर्शित होने के कारण पिछले कुछ साल में पाक के फिल्म उद्योग को एक उंचाई मिली है जो काफी सराहनीय बात है।

Bollywood actress

उन्होंने आगे यह भी बताया है कि, 'मैं केवल यह उम्मीद करता हूं कि लंबी समयावधि तक संबंधों में तनाव नहीं रहना चाहिए,यहां तक कि अगर इस उद्योग पर एक अस्थायी प्रतिबंध लगाया जाता है तो हम पर इसका खास असर नहीं पड़ेगालेकिन अगर कोई स्थायी प्रतिबंध लगता है तो ऐसी संभावना है कि ढेर सारे सिनेमा घर और मल्टीप्लेक्स बंद हो जाएंगे जिससे बेरोजगारी बढेगी।'

एक और फेमस फिल्म समीक्षक उमर अलवी ने कहा कि सिनेमा के पर्दों और टैक्स में बढ़ोतरी के कारण भी पाकिस्तानी फिल्म उद्योग का पुनरुत्थान हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि, 'कई पाकिस्तानी फिल्में प्रदर्शित हुई हैं और अच्छा काम कर रही हैं और कई अन्य प्रदर्शित होने के लिए कतार में लगी हैंलेकिन किसी सिनेमा जगत को सुचारू रूप से बने रहने के लिए एक साल में कम से कम 50 से 60 फिल्मों का निर्माण करना चाहिए जो हम इस वक्त कर पाने में असमर्थ हैं।

सम्बंधित लेख -


Monday 19 September 2016

क्या आप जानते है अमित-राजीव की दोस्ती की यह सच्चाई?


दोस्त शब्द जैसी ही हम जुबाँ पर लाते है “ये दोस्ती हम तोड़ेंगे...या बने चाहे दुश्मन ये सारा ज़माना,सलामत रहे दोस्ताना हमारा” ये गाने लबों पर आते है. दोस्ती खुदा की दी हुई एक इनायत है, जो दिल के तारों से जुडी है,एक इबादत है. चोट किसी को लगती है तो, दर्द किसी को होता है. दोस्त वो हमसाया है जो हमेशा हमारे साथ चलता है. दोस्तों आज हम ऐसी ही भूली बिसरी दोस्ती की बात कर रहे है....द लीजेंड बिग बी अमिताभ बच्चन को दोस्ती. 

आप सोच रहे होंगे कि अमिताभ बच्चन का दोस्त कौन, अमरसिंह या हमारे देश के PM मोदी, जिनके गुणगान करने में वो ...”अदभुत आश्चर्य” कहते हुए कभी थकते नहीं, नहीं जनाब हम बात कर रहे है भारतीय राजनीति के महानायक राजीव गाँधी की ! कभी अमित के लंगोटिया यार रहे राजीव सातवें आसमान पर बैठकर ये गाना तो नहीं गुनगुना रहे है...”मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया, सुना है कि तू बेवफा हो गया”. 


हमारे बिग बी राजीव गाँधी के लंगोटिया यार रह चुके है.... कहा तो यह भी जाता है कि उनके पिताजी महान कवि श्री हरिवंश राय बच्चन जी के लिए शासकीय पद का सृजन भी इंदिरा और तेजी बच्चन की बेस्ट फ्रेंडशिप का ही परिणाम था, इस प्रकार देखा जाय तो गाँधी-बच्चन की फ्रेंडशिप बहुत पुरानी है....तिस मारखां लोग यह भी कहते है कि राजीव की डेशिंग और ग्रैंड पर्सनालिटी देखकर स्वर्गीय महमूद ने उनको “बॉम्बे टू गोवा” फिल्म ऑफर की थी, जिसे नेहरु-गाँधी परिवार के इस वारिस ने नम्रतापूर्वक इनकार कर दिया और अपनी जगह अमित को फिल्म साईन करने को कहा,जिससे सदी के महानायक का जन्म हुआ, शहंशाह जब कुली फिल्म में घायल हुए तो इंदिरा जी प्रधानमंत्री पद की महिमा को छोड़कर उनको मिलने हॉस्पिटल गई, पर एक बात ऐसी है जो इस दिल को धक्का पहुंचाती है, सूत्रों की माने तो इमरजेंसी के बाद जब मोरारजी शासन आया तो राजीव किसी काम से बॉम्बे आये...उन्होंने अमित से उनकी कार एयरपोर्ट पर रिसीव करने को कहा, लेकिन शासन के डर से उन्होंने अपनी कार नहीं पहुंचाई, इसमें कितना सच और कितना झूठ है ये तो उपरवाला ही जाने, लेकिन यह भी सत्य है कि 1984 में जब आयरन लेडी इंदिराजी की डेथ हुई तो उस समय राजीव के साथ अमित कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े थे. उस समय माननीय अटलजी के सामने खुद राजीव अमित को लाए. 


सियाने लोग तो यह भी कहते है कि इस चुनावी दंगल में अटलजी जमानत भी बमुश्किल बची. इस दोस्ती में भूचाल तब आया जब हमारे एंग्री यंग मैन के ऊपर “”बोफ़ोर्स कमीशन” का दाग आया, उस समय गाँधी परिवार ने उनको कोई सपोर्ट नहीं किया,फिर हमारे बिग बी विदेशी कोर्ट से खुद की बेगुनाही का सबुत ले आये. कुछ राजनीतिज्ञ दबी जुबाँ से यह भी कहते है कि अमित ने राजीव के रिश्तों का फ़ायदा उठाकर किसी बड़े रसूखदार व्यापारी घराने को उस समय फ़ायदा दिलवाया, जिसका बड़ा कमीशन हमारे बिग बी को मिला, किन्तु वे इस बात को हमेशा ही झुठलाते रहे. अब इस फ्रेंडशिप में कौन सही कौन गलत....पर जीवन की इस ढलती सांझ में हमारे एंग्री मैन को कभी अपने चाइल्डहुड फ्रेंड की याद आएगी और क्या कभी वो सारी बाते बिसारकर अपने दिल के भीतर तहों में छिपे अपनी गहरी मित्रता को दुबारा खंगालकर, तमाम गिले-शिकवे बुलाकर अपने उस मित्र को भी ट्विटर पर एक चिट्ठी लिखेंगे? #अद्भूताश्चर्य  

क्या आप जानते है अमित-राजीव की दोस्ती की यह सच्चाई?


दोस्त शब्द जैसी ही हम जुबाँ पर लाते है “ये दोस्ती हम तोड़ेंगे...या बने चाहे दुश्मन ये सारा ज़माना,सलामत रहे दोस्ताना हमारा” ये गाने लबों पर आते है. दोस्ती खुदा की दी हुई एक इनायत है, जो दिल के तारों से जुडी है,एक इबादत है. चोट किसी को लगती है तो, दर्द किसी को होता है. दोस्त वो हमसाया है जो हमेशा हमारे साथ चलता है. दोस्तों आज हम ऐसी ही भूली बिसरी दोस्ती की बात कर रहे है....द लीजेंड बिग बी अमिताभ बच्चन की दोस्ती. 


आप सोच रहे होंगे कि अमिताभ बच्चन का दोस्त कौन, अमरसिंह या हमारे देश के PM मोदी, जिनके गुणगान करने में वो ...”अदभुत आश्चर्य” कहते हुए कभी थकते नहीं, नहीं जनाब हम बात कर रहे है भारतीय राजनीति के महानायक राजीव गाँधी की ! कभी अमित के लंगोटिया यार रहे राजीव सातवें आसमान पर बैठकर ये गाना तो नहीं गुनगुना रहे है...”मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया, सुना है कि तू बेवफा हो गया”. 


हमारे बिग बी राजीव गाँधी के लंगोटिया यार रह चुके है.... कहा तो यह भी जाता है कि उनके पिताजी महान कवि श्री हरिवंश राय बच्चन जी के लिए शासकीय पद का सृजन भी इंदिरा और तेजी बच्चन की बेस्ट फ्रेंडशिप का ही परिणाम था, इस प्रकार देखा जाय तो गाँधी-बच्चन की फ्रेंडशिप बहुत पुरानी है....तिस मारखां लोग यह भी कहते है कि राजीव की डेशिंग और ग्रैंड पर्सनालिटी देखकर स्वर्गीय महमूद ने उनको “बॉम्बे टू गोवा” फिल्म ऑफर की थी, जिसे नेहरु-गाँधी परिवार के इस वारिस ने नम्रतापूर्वक इनकार कर दिया और अपनी जगह अमित को फिल्म साईन करने को कहा,जिससे सदी के महानायक का जन्म हुआ, शहंशाह जब कुली फिल्म में घायल हुए तो इंदिरा जी प्रधानमंत्री पद की महिमा को छोड़कर उनको मिलने हॉस्पिटल गई, पर एक बात ऐसी है जो इस दिल को धक्का पहुंचाती है, सूत्रों की माने तो इमरजेंसी के बाद जब मोरारजी शासन आया तो राजीव किसी काम से बॉम्बे आये...उन्होंने अमित से उनकी कार एयरपोर्ट पर रिसीव करने को कहा, लेकिन शासन के डर से उन्होंने अपनी कार नहीं पहुंचाई, इसमें कितना सच और कितना झूठ है ये तो उपरवाला ही जाने, लेकिन यह भी सत्य है कि 1984 में जब आयरन लेडी इंदिराजी की डेथ हुई तो उस समय राजीव के साथ अमित कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े थे. उस समय माननीय अटलजी के सामने खुद राजीव अमित को लाए. 


सियाने लोग तो यह भी कहते है कि इस चुनावी दंगल में अटलजी जमानत भी बमुश्किल बची. इस दोस्ती में भूचाल तब आया जब हमारे एंग्री यंग मैन के ऊपर “”बोफ़ोर्स कमीशन” का दाग आया, उस समय गाँधी परिवार ने उनको कोई सपोर्ट नहीं किया,फिर हमारे बिग बी विदेशी कोर्ट से खुद की बेगुनाही का सबुत ले आये. कुछ राजनीतिज्ञ दबी जुबाँ से यह भी कहते है कि अमित ने राजीव के रिश्तों का फ़ायदा उठाकर किसी बड़े रसूखदार व्यापारी घराने को उस समय फ़ायदा दिलवाया, जिसका बड़ा कमीशन हमारे बिग बी को मिला, किन्तु वे इस बात को हमेशा ही झुठलाते रहे. अब इस फ्रेंडशिप में कौन सही कौन गलत....पर जीवन की इस ढलती सांझ में हमारे एंग्री मैन को कभी अपने चाइल्डहुड फ्रेंड की याद आएगी और क्या कभी वो सारी बाते बिसारकर अपने दिल के भीतर तहों में छिपे अपनी गहरी मित्रता को दुबारा खंगालकर, तमाम गिले-शिकवे बुलाकर अपने उस मित्र को भी ट्विटर पर एक चिट्ठी लिखेंगे? #अद्भूताश्चर्य  

क्या आप जानते है अमित-राजीव की दोस्ती की यह सच्चाई?


दोस्त शब्द जैसी ही हम जुबाँ पर लाते है “ये दोस्ती हम तोड़ेंगे...या बने चाहे दुश्मन ये सारा ज़माना,सलामत रहे दोस्ताना हमारा” ये गाने लबों पर आते है. दोस्ती खुदा की दी हुई एक इनायत है, जो दिल के तारों से जुडी है,एक इबादत है. चोट किसी को लगती है तो, दर्द किसी को होता है. दोस्त वो हमसाया है जो हमेशा हमारे साथ चलता है. दोस्तों आज हम ऐसी ही भूली बिसरी दोस्ती की बात कर रहे है....द लीजेंड बिग बी अमिताभ बच्चन की दोस्ती. 


आप सोच रहे होंगे कि अमिताभ बच्चन का दोस्त कौन, अमरसिंह या हमारे देश के PM मोदी, जिनके गुणगान करने में वो ...”अदभुत आश्चर्य” कहते हुए कभी थकते नहीं, नहीं जनाब हम बात कर रहे है भारतीय राजनीति के महानायक राजीव गाँधी की ! कभी अमित के लंगोटिया यार रहे राजीव सातवें आसमान पर बैठकर ये गाना तो नहीं गुनगुना रहे है...”मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया, सुना है कि तू बेवफा हो गया”. 


हमारे बिग बी राजीव गाँधी के लंगोटिया यार रह चुके है.... कहा तो यह भी जाता है कि उनके पिताजी महान कवि श्री हरिवंश राय बच्चन जी के लिए शासकीय पद का सृजन भी इंदिरा और तेजी बच्चन की बेस्ट फ्रेंडशिप का ही परिणाम था, इस प्रकार देखा जाय तो गाँधी-बच्चन की फ्रेंडशिप बहुत पुरानी है....तिस मारखां लोग यह भी कहते है कि राजीव की डेशिंग और ग्रैंड पर्सनालिटी देखकर स्वर्गीय महमूद ने उनको “बॉम्बे टू गोवा” फिल्म ऑफर की थी, जिसे नेहरु-गाँधी परिवार के इस वारिस ने नम्रतापूर्वक इनकार कर दिया और अपनी जगह अमित को फिल्म साईन करने को कहा,जिससे सदी के महानायक का जन्म हुआ, शहंशाह जब कुली फिल्म में घायल हुए तो इंदिरा जी प्रधानमंत्री पद की महिमा को छोड़कर उनको मिलने हॉस्पिटल गई, पर एक बात ऐसी है जो इस दिल को धक्का पहुंचाती है, सूत्रों की माने तो इमरजेंसी के बाद जब मोरारजी शासन आया तो राजीव किसी काम से बॉम्बे आये...उन्होंने अमित से उनकी कार एयरपोर्ट पर रिसीव करने को कहा, लेकिन शासन के डर से उन्होंने अपनी कार नहीं पहुंचाई, इसमें कितना सच और कितना झूठ है ये तो उपरवाला ही जाने, लेकिन यह भी सत्य है कि 1984 में जब आयरन लेडी इंदिराजी की डेथ हुई तो उस समय राजीव के साथ अमित कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े थे. उस समय माननीय अटलजी के सामने खुद राजीव अमित को लाए. 


सियाने लोग तो यह भी कहते है कि इस चुनावी दंगल में अटलजी जमानत भी बमुश्किल बची. इस दोस्ती में भूचाल तब आया जब हमारे एंग्री यंग मैन के ऊपर “”बोफ़ोर्स कमीशन” का दाग आया, उस समय गाँधी परिवार ने उनको कोई सपोर्ट नहीं किया,फिर हमारे बिग बी विदेशी कोर्ट से खुद की बेगुनाही का सबुत ले आये. कुछ राजनीतिज्ञ दबी जुबाँ से यह भी कहते है कि अमित ने राजीव के रिश्तों का फ़ायदा उठाकर किसी बड़े रसूखदार व्यापारी घराने को उस समय फ़ायदा दिलवाया, जिसका बड़ा कमीशन हमारे बिग बी को मिला, किन्तु वे इस बात को हमेशा ही झुठलाते रहे. अब इस फ्रेंडशिप में कौन सही कौन गलत....पर जीवन की इस ढलती सांझ में हमारे एंग्री मैन को कभी अपने चाइल्डहुड फ्रेंड की याद आएगी और क्या कभी वो सारी बाते बिसारकर अपने दिल के भीतर तहों में छिपे अपनी गहरी मित्रता को दुबारा खंगालकर, तमाम गिले-शिकवे बुलाकर अपने उस मित्र को भी ट्विटर पर एक चिट्ठी लिखेंगे? #अद्भूताश्चर्य  

क्या आप जानते है अमित-राजीव की दोस्ती की यह सच्चाई?


दोस्त शब्द जैसी ही हम जुबाँ पर लाते है “ये दोस्ती हम तोड़ेंगे...या बने चाहे दुश्मन ये सारा ज़माना,सलामत रहे दोस्ताना हमारा” ये गाने लबों पर आते है. दोस्ती खुदा की दी हुई एक इनायत है, जो दिल के तारों से जुडी है,एक इबादत है. चोट किसी को लगती है तो, दर्द किसी को होता है. दोस्त वो हमसाया है जो हमेशा हमारे साथ चलता है. दोस्तों आज हम ऐसी ही भूली बिसरी दोस्ती की बात कर रहे है....द लीजेंड बिग बी अमिताभ बच्चन की दोस्ती. 


आप सोच रहे होंगे कि अमिताभ बच्चन का दोस्त कौन, अमरसिंह या हमारे देश के PM मोदी, जिनके गुणगान करने में वो ...”अदभुत आश्चर्य” कहते हुए कभी थकते नहीं, नहीं जनाब हम बात कर रहे है भारतीय राजनीति के महानायक राजीव गाँधी की ! कभी अमित के लंगोटिया यार रहे राजीव सातवें आसमान पर बैठकर ये गाना तो नहीं गुनगुना रहे है...”मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया, सुना है कि तू बेवफा हो गया”. 


हमारे बिग बी राजीव गाँधी के लंगोटिया यार रह चुके है.... कहा तो यह भी जाता है कि उनके पिताजी महान कवि श्री हरिवंश राय बच्चन जी के लिए शासकीय पद का सृजन भी इंदिरा और तेजी बच्चन की बेस्ट फ्रेंडशिप का ही परिणाम था, इस प्रकार देखा जाय तो गाँधी-बच्चन की फ्रेंडशिप बहुत पुरानी है....तिस मारखां लोग यह भी कहते है कि राजीव की डेशिंग और ग्रैंड पर्सनालिटी देखकर स्वर्गीय महमूद ने उनको “बॉम्बे टू गोवा” फिल्म ऑफर की थी, जिसे नेहरु-गाँधी परिवार के इस वारिस ने नम्रतापूर्वक इनकार कर दिया और अपनी जगह अमित को फिल्म साईन करने को कहा,जिससे सदी के महानायक का जन्म हुआ, शहंशाह जब कुली फिल्म में घायल हुए तो इंदिरा जी प्रधानमंत्री पद की महिमा को छोड़कर उनको मिलने हॉस्पिटल गई, पर एक बात ऐसी है जो इस दिल को धक्का पहुंचाती है, सूत्रों की माने तो इमरजेंसी के बाद जब मोरारजी शासन आया तो राजीव किसी काम से बॉम्बे आये...उन्होंने अमित से उनकी कार एयरपोर्ट पर रिसीव करने को कहा, लेकिन शासन के डर से उन्होंने अपनी कार नहीं पहुंचाई, इसमें कितना सच और कितना झूठ है ये तो उपरवाला ही जाने, लेकिन यह भी सत्य है कि 1984 में जब आयरन लेडी इंदिराजी की डेथ हुई तो उस समय राजीव के साथ अमित कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े थे. उस समय माननीय अटलजी के सामने खुद राजीव अमित को लाए. 


सियाने लोग तो यह भी कहते है कि इस चुनावी दंगल में अटलजी जमानत भी बमुश्किल बची. इस दोस्ती में भूचाल तब आया जब हमारे एंग्री यंग मैन के ऊपर “”बोफ़ोर्स कमीशन” का दाग आया, उस समय गाँधी परिवार ने उनको कोई सपोर्ट नहीं किया,फिर हमारे बिग बी विदेशी कोर्ट से खुद की बेगुनाही का सबुत ले आये. कुछ राजनीतिज्ञ दबी जुबाँ से यह भी कहते है कि अमित ने राजीव के रिश्तों का फ़ायदा उठाकर किसी बड़े रसूखदार व्यापारी घराने को उस समय फ़ायदा दिलवाया, जिसका बड़ा कमीशन हमारे बिग बी को मिला, किन्तु वे इस बात को हमेशा ही झुठलाते रहे. अब इस फ्रेंडशिप में कौन सही कौन गलत....पर जीवन की इस ढलती सांझ में हमारे एंग्री मैन को कभी अपने चाइल्डहुड फ्रेंड की याद आएगी और क्या कभी वो सारी बाते बिसारकर अपने दिल के भीतर तहों में छिपे अपनी गहरी मित्रता को दुबारा खंगालकर, तमाम गिले-शिकवे बुलाकर अपने उस मित्र को भी ट्विटर पर एक चिट्ठी लिखेंगे? #अद्भूताश्चर्य  

Tuesday 6 September 2016

Amitabh Bachchan writes letter to grand daughters-Video With Letter

 Recently Big B Amitabh Bachchan writes a loving letter to his two grand-daughters Aaradhya the daughter of Abhishek Bachchan and Aishwarya Rai and Navya Naveli the daughter of Nikhil and Shweta Nanda and got a lot of attention from the public and the media at large. It was completely emotional and loving letter by angry man Big B. 


A Letter to two grand-daughters by
Amitabh Bachchan (Big B)- Video.... 


Where Navya at 18 keeps herself making headlines for even her Instagram account and Aaradhya at 4, often makes attraction to newspapers whenever she is spotted with her mom Aishwarya rai.


 Now grandpa Amitabh Bachchan has wrote an open letter for the girls which has words of wisdom and carrying a strong message for them.








Amitabh Bachchan writes letter to grand daughters-Video With Letter

 Recently Big B Amitabh Bachchan writes a loving letter to his two grand-daughters Aaradhya the daughter of Abhishek Bachchan and Aishwarya Rai and Navya Naveli the daughter of Nikhil and Shweta Nanda and got a lot of attention from the public and the media at large. It was completely emotional and loving letter by angry man Big B. 


A Letter to two grand-daughters by
Amitabh Bachchan (Big B)- Video.... 


Where Navya at 18 keeps herself making headlines for even her Instagram account and Aaradhya at 4, often makes attraction to newspapers whenever she is spotted with her mom Aishwarya rai.


 Now grandpa Amitabh Bachchan has wrote an open letter for the girls which has words of wisdom and carrying a strong message for them.