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सर्किट, बोले तो मुन्ना भाई को डॉक्टर्स डे विश करने का !!!



डॉक्टर तुसी ग्रेट हो, छा गए गुरु, भगवान् जानवरों और इंसानों के सभी प्रकार के दर्द को एक साथ हैंडल नहीं कर सका तो उसने अपने बहुत सारे असिस्टेंट फरिश्तों के रूप में इस जहान में भेज दिए जो भातिं - भातिं के इलाज़ करके दर्द से मुक्ति दिलाते है, जिन्हें हम प्राणी भगवान् का रूप कहकर संबोधित करते है और क्यूँ ना करें आखिर वे ही तो हमारे दर्द रूपी दुखों को प्रत्यक्ष रूप से हरते है. फ़िल्मी दुनिया में भी मुन्ना भाई MBBS बनकर संजू बाबा और असिस्टेंट सर्किट ने डॉक्टर और मरीज के बीच एक नए रिश्ते को उजागर किया है, और डॉक्टर को उनकी ड्यूटी याद दिलाई है !

आम भाषा में इनको विभिन्न नामो से पुकारा जाता है जैसे डॉक्टर, डाटकर साहब, चिकित्सक आदि.  इस दुनिया में डॉक्टर्स को लेकर बहुत से फनी चुटकुले,हास्य,व्यंग, कटाक्ष और ना जाने क्या क्या बना है. और हाँ ये समाज की जितने तनमन से सेवा करते है वो काबिले तारीफ़ है, मगर समाज में डॉक्टर्स का एक वर्ग एसा भी है जो सिर्फ मरीजों का शोषण करता है, भक्षण करता है, ऑपरेशन में बड़ी-बड़ी गलतियाँ करता है | डॉक्टर्स डे पर डॉक्टर और मरीज के लेकर बहुत से फुद्दू और फाडू चुटकुले बने है जैसे-----

>>> एक लेडी मरीज डॉक्टर के पास जाती है....
डॉक्टर साहब मेरे होठों पर इन्फेक्शन हो गया है...
डॉक्टर पूछता है- चुम्बन कितनी बार करती हो ?
लेडी कहती है साल में सिर्फ एक बार !!!!
डॉक्टर हँसते हुए जवाब देता है ....
पगली, इन्फेक्शन नहीं, जंग लग गयी है....hhhhh



>>> एक बार एक मरीज बच्चा डॉक्टर के पास जाता है ...
डॉक्टर पूछता है आपको क्या बिमारी ???
मरीज बच्चा डॉक्टर से कहता है...
पहले आप वादा करो कि हंसोगे नहीं ...
डॉक्टर कहता है प्रॉमिस नहीं हसूंगा !!!
बच्चा अपनी माचिस की तीली जैसी नुन्नी,
अपनी चड्डी से निकाल के दिखाता है ...
इस पर डॉक्टर की हंसी छुट जाती है ....hhhhh
डॉक्टर सीरियस होकर कहता है....
चलो अब बिमारी बताओ .....
बच्चा कहता है डॉक्टर साहब.....
ये नुन्नी सूज गई है ......
इस पर डॉक्टर की हंसी और जोर से फट पड़ती है .... hhhhhhh

  >>>घरेलु देशी उपचार भारतीय प्राचीन संस्कृति का प्रतिक<<<

                                   

सर्किट, बोले तो मुन्ना भाई को डॉक्टर्स डे विश करने का




डॉक्टर तुसी ग्रेट हो, छा गए गुरु, भगवान् जानवरों और इंसानों के सभी प्रकार के दर्द को एक साथ हैंडल नहीं कर सका तो उसने अपने बहुत सारे असिस्टेंट फरिश्तों के रूप में इस जहान में भेज दिए जो भातिं - भातिं के इलाज़ करके दर्द से मुक्ति दिलाते है, जिन्हें हम प्राणी भगवान् का रूप कहकर संबोधित करते है और क्यूँ ना करें आखिर वे ही तो हमारे दर्द रूपी दुखों को प्रत्यक्ष रूप से हरते है. फ़िल्मी दुनिया में भी मुन्ना भाई MBBS बनकर संजू बाबा और असिस्टेंट सर्किट ने डॉक्टर और मरीज के बीच एक नए रिश्ते को उजागर किया है, और डॉक्टर को उनकी ड्यूटी याद दिलाई है !

आम भाषा में इनको विभिन्न नामो से पुकारा जाता है जैसे डॉक्टर, डाटकर साहब, चिकित्सक आदि.  इस दुनिया में डॉक्टर्स को लेकर बहुत से फनी चुटकुले,हास्य,व्यंग, कटाक्ष और ना जाने क्या क्या बना है. और हाँ ये समाज की जितने तनमन से सेवा करते है वो काबिले तारीफ़ है, मगर समाज में डॉक्टर्स का एक वर्ग एसा भी है जो सिर्फ मरीजों का शोषण करता है, भक्षण करता है, ऑपरेशन में बड़ी-बड़ी गलतियाँ करता है | डॉक्टर्स डे पर डॉक्टर और मरीज के लेकर बहुत से फुद्दू और फाडू चुटकुले बने है जैसे-----

>>> एक लेडी मरीज डॉक्टर के पास जाती है....
डॉक्टर साहब मेरे होठों पर इन्फेक्शन हो गया है...
डॉक्टर पूछता है- चुम्बन कितनी बार करती हो ?
लेडी कहती है साल में सिर्फ एक बार !!!!
डॉक्टर हँसते हुए जवाब देता है ....
पगली, इन्फेक्शन नहीं, जंग लग गयी है....hhhhh



>>> एक बार एक मरीज बच्चा डॉक्टर के पास जाता है ...
डॉक्टर पूछता है आपको क्या बिमारी ???
मरीज बच्चा डॉक्टर से कहता है...
पहले आप वादा करो कि हंसोगे नहीं ...
डॉक्टर कहता है प्रॉमिस नहीं हसूंगा !!!
बच्चा अपनी माचिस की तीली जैसी नुन्नी,
अपनी चड्डी से निकाल के दिखाता है ...
इस पर डॉक्टर की हंसी छुट जाती है ....hhhhh
डॉक्टर सीरियस होकर कहता है....
चलो अब बिमारी बताओ .....
बच्चा कहता है डॉक्टर साहब.....
ये नुन्नी सूज गई है ......
इस पर डॉक्टर की हंसी और जोर से फट पड़ती है .... hhhhhhh

  >>>घरेलु देशी उपचार भारतीय प्राचीन संस्कृति का प्रतिक<<<

                                   

सर्किट, बोले तो मुन्ना भाई को डॉक्टर्स डे विश करने का




डॉक्टर तुसी ग्रेट हो, छा गए गुरु, भगवान् जानवरों और इंसानों के सभी प्रकार के दर्द को एक साथ हैंडल नहीं कर सका तो उसने अपने बहुत सारे असिस्टेंट फरिश्तों के रूप में इस जहान में भेज दिए जो भातिं - भातिं के इलाज़ करके दर्द से मुक्ति दिलाते है, जिन्हें हम प्राणी भगवान् का रूप कहकर संबोधित करते है और क्यूँ ना करें आखिर वे ही तो हमारे दर्द रूपी दुखों को प्रत्यक्ष रूप से हरते है. फ़िल्मी दुनिया में भी मुन्ना भाई MBBS बनकर संजू बाबा और असिस्टेंट सर्किट ने डॉक्टर और मरीज के बीच एक नए रिश्ते को उजागर किया है, और डॉक्टर को उनकी ड्यूटी याद दिलाई है !

आम भाषा में इनको विभिन्न नामो से पुकारा जाता है जैसे डॉक्टर, डाटकर साहब, चिकित्सक आदि.  इस दुनिया में डॉक्टर्स को लेकर बहुत से फनी चुटकुले,हास्य,व्यंग, कटाक्ष और ना जाने क्या क्या बना है. और हाँ ये समाज की जितने तनमन से सेवा करते है वो काबिले तारीफ़ है, मगर समाज में डॉक्टर्स का एक वर्ग एसा भी है जो सिर्फ मरीजों का शोषण करता है, भक्षण करता है, ऑपरेशन में बड़ी-बड़ी गलतियाँ करता है | डॉक्टर्स डे पर डॉक्टर और मरीज के लेकर बहुत से फुद्दू और फाडू चुटकुले बने है जैसे-----

>>> एक लेडी मरीज डॉक्टर के पास जाती है....
डॉक्टर साहब मेरे होठों पर इन्फेक्शन हो गया है...
डॉक्टर पूछता है- चुम्बन कितनी बार करती हो ?
लेडी कहती है साल में सिर्फ एक बार !!!!
डॉक्टर हँसते हुए जवाब देता है ....
पगली, इन्फेक्शन नहीं, जंग लग गयी है....hhhhh



>>> एक बार एक मरीज बच्चा डॉक्टर के पास जाता है ...
डॉक्टर पूछता है आपको क्या बिमारी ???
मरीज बच्चा डॉक्टर से कहता है...
पहले आप वादा करो कि हंसोगे नहीं ...
डॉक्टर कहता है प्रॉमिस नहीं हसूंगा !!!
बच्चा अपनी माचिस की तीली जैसी नुन्नी,
अपनी चड्डी से निकाल के दिखाता है ...
इस पर डॉक्टर की हंसी छुट जाती है ....hhhhh
डॉक्टर सीरियस होकर कहता है....
चलो अब बिमारी बताओ .....
बच्चा कहता है डॉक्टर साहब.....
ये नुन्नी सूज गई है ......
इस पर डॉक्टर की हंसी और जोर से फट पड़ती है .... hhhhhhh

  >>>घरेलु देशी उपचार भारतीय प्राचीन संस्कृति का प्रतिक<<<

                                   

सर्किट, बोले तो मुन्ना भाई को डॉक्टर्स डे विश करने का




डॉक्टर तुसी ग्रेट हो, छा गए गुरु, भगवान् जानवरों और इंसानों के सभी प्रकार के दर्द को एक साथ हैंडल नहीं कर सका तो उसने अपने बहुत सारे असिस्टेंट फरिश्तों के रूप में इस जहान में भेज दिए जो भातिं - भातिं के इलाज़ करके दर्द से मुक्ति दिलाते है, जिन्हें हम प्राणी भगवान् का रूप कहकर संबोधित करते है और क्यूँ ना करें आखिर वे ही तो हमारे दर्द रूपी दुखों को प्रत्यक्ष रूप से हरते है. फ़िल्मी दुनिया में भी मुन्ना भाई MBBS बनकर संजू बाबा और असिस्टेंट सर्किट ने डॉक्टर और मरीज के बीच एक नए रिश्ते को उजागर किया है, और डॉक्टर को उनकी ड्यूटी याद दिलाई है !

आम भाषा में इनको विभिन्न नामो से पुकारा जाता है जैसे डॉक्टर, डाटकर साहब, चिकित्सक आदि.  इस दुनिया में डॉक्टर्स को लेकर बहुत से फनी चुटकुले,हास्य,व्यंग, कटाक्ष और ना जाने क्या क्या बना है. और हाँ ये समाज की जितने तनमन से सेवा करते है वो काबिले तारीफ़ है, मगर समाज में डॉक्टर्स का एक वर्ग एसा भी है जो सिर्फ मरीजों का शोषण करता है, भक्षण करता है, ऑपरेशन में बड़ी-बड़ी गलतियाँ करता है | डॉक्टर्स डे पर डॉक्टर और मरीज के लेकर बहुत से फुद्दू और फाडू चुटकुले बने है जैसे-----

>>> एक लेडी मरीज डॉक्टर के पास जाती है....
डॉक्टर साहब मेरे होठों पर इन्फेक्शन हो गया है...
डॉक्टर पूछता है- चुम्बन कितनी बार करती हो ?
लेडी कहती है साल में सिर्फ एक बार !!!!
डॉक्टर हँसते हुए जवाब देता है ....
पगली, इन्फेक्शन नहीं, जंग लग गयी है....hhhhh



>>> एक बार एक मरीज बच्चा डॉक्टर के पास जाता है ...
डॉक्टर पूछता है आपको क्या बिमारी ???
मरीज बच्चा डॉक्टर से कहता है...
पहले आप वादा करो कि हंसोगे नहीं ...
डॉक्टर कहता है प्रॉमिस नहीं हसूंगा !!!
बच्चा अपनी माचिस की तीली जैसी नुन्नी,
अपनी चड्डी से निकाल के दिखाता है ...
इस पर डॉक्टर की हंसी छुट जाती है ....hhhhh
डॉक्टर सीरियस होकर कहता है....
चलो अब बिमारी बताओ .....
बच्चा कहता है डॉक्टर साहब.....
ये नुन्नी सूज गई है ......
इस पर डॉक्टर की हंसी और जोर से फट पड़ती है .... hhhhhhh

  >>>घरेलु देशी उपचार भारतीय प्राचीन संस्कृति का प्रतिक<<<

                                   

सर्किट, बोले तो मुन्ना भाई को डॉक्टर्स डे विश करने का




डॉक्टर तुसी ग्रेट हो, छा गए गुरु, भगवान् जानवरों और इंसानों के सभी प्रकार के दर्द को एक साथ हैंडल नहीं कर सका तो उसने अपने बहुत सारे असिस्टेंट फरिश्तों के रूप में इस जहान में भेज दिए जो भातिं - भातिं के इलाज़ करके दर्द से मुक्ति दिलाते है, जिन्हें हम प्राणी भगवान् का रूप कहकर संबोधित करते है और क्यूँ ना करें आखिर वे ही तो हमारे दर्द रूपी दुखों को प्रत्यक्ष रूप से हरते है. फ़िल्मी दुनिया में भी मुन्ना भाई MBBS बनकर संजू बाबा और असिस्टेंट सर्किट ने डॉक्टर और मरीज के बीच एक नए रिश्ते को उजागर किया है, और डॉक्टर को उनकी ड्यूटी याद दिलाई है !

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>>> एक लेडी मरीज डॉक्टर के पास जाती है....
डॉक्टर साहब मेरे होठों पर इन्फेक्शन हो गया है...
डॉक्टर पूछता है- चुम्बन कितनी बार करती हो ?
लेडी कहती है साल में सिर्फ एक बार !!!!
डॉक्टर हँसते हुए जवाब देता है ....
पगली, इन्फेक्शन नहीं, जंग लग गयी है....hhhhh



>>> एक बार एक मरीज बच्चा डॉक्टर के पास जाता है ...
डॉक्टर पूछता है आपको क्या बिमारी ???
मरीज बच्चा डॉक्टर से कहता है...
पहले आप वादा करो कि हंसोगे नहीं ...
डॉक्टर कहता है प्रॉमिस नहीं हसूंगा !!!
बच्चा अपनी माचिस की तीली जैसी नुन्नी,
अपनी चड्डी से निकाल के दिखाता है ...
इस पर डॉक्टर की हंसी छुट जाती है ....hhhhh
डॉक्टर सीरियस होकर कहता है....
चलो अब बिमारी बताओ .....
बच्चा कहता है डॉक्टर साहब.....
ये नुन्नी सूज गई है ......
इस पर डॉक्टर की हंसी और जोर से फट पड़ती है .... hhhhhhh

  >>>घरेलु देशी उपचार भारतीय प्राचीन संस्कृति का प्रतिक<<<