Showing posts with label ganesh chaturthi gif. Show all posts
Showing posts with label ganesh chaturthi gif. Show all posts

मोदक प्रेमी :ऐसे करेंगे पूजन तो शीघ्र प्रसन्न होंगे गजानन



कल गणेशजी की स्थापना का दिन है,हर एक भक्त के मन में यह बात होती है कि पूजन में त्रुटी न रह जाए, या कैसे बप्पा मेरे ऊपर शीघ्र प्रसन्न हो जाए ? हम निम्न उपाय को अपनाकर गणेशजी की शीघ्र कृपा प्राप्त कर सकते है.....



गणेश स्थापना के लिए ली जाने वाली मूर्ति की सूंड सीधे हाथ की तरफ होनी चाहिए.
सूंड में ज्यादा घुमाव नहीं होना चाहिए.
बाई हाथ की तरफ मुड़ी हुई सूंड वाले गणपतिजी का पूजन विधान ज्यादा होता है, जो सामान्य व्यक्ति की क्षमता से परे होता है.
मूर्ति स्थापना के पहले घर की और मंदिर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
मूर्ति लेने के पूर्व मन-ही-मन गणेशजी को आह्वान करना चाहिए कि.. हे परमेश्वर मै आपका सेवक आपको अपने घर ले जाना चाहता/चाहती हूँ, कृपया आप मेरा आतिथ्य स्वीकार करें.
मूर्ति लेते समय गणेशजी के स्वरुप का ध्यान से अवलोकन करना चाहिए कि कहीं मूर्ति खंडित तो नहीं है.


बप्पाजी की मूर्ति एकदंत अर्थात एक दांत वाली होना चाहिए.
पूजन के लिए लाल आसन चौसठ मातृका व् नवगृह की स्थापना करना चाहिए.
पान-सुपारी लॉन्ग इत्यादि भी पूजन में रखना चाहिए.
गणेशजी को दुर्वा विशेष प्रिय है अतः तिंमुखी दूर्वा पूजन में रखना चाहिए.
गणेशजी की मूर्ति संभव हो तो पीताम्बर अर्थात पिली धोतीवाली व् गुलाबी रंगत लिए सुन्दर सूंड व् गोलमटोल शरीर वाले बप्पाजी ले.
गणेशजी को रक्त पुष्प पसंद है अतः पूजन में लाल रंग के पुष्प रखें.
पूजन में घट स्थापना सर्वप्रथम करें, जिसमे पांच आम के पत्ते जरुर रखे, कलश को जनेऊ पहनाकर उसके अन्दर एक सिक्का पुष्प चावल रखे.
पूजन में सुहाग पुडा अवश्य रखें.
संभव हो तो अखंड ज्योत जलाए.



प्रसाद में गणेशजी को मोदक बहुत प्रसंद है, यदि संभव हो तो घर पर ही मोदक तैयार कर उनको भोग चड़ाए.
पूजन में गणेशजी के 108 नाम का श्रवण करें.
प्रतिदिन अर्थवशीश का पाठ करें, इससे बप्पाजी शीघ्र प्रसन्न होते है.
गणेशजी बस भाव के भूखे है, आप उनको दोनों पहर आपके घर में जो बना है यूज़ ही सर्वप्रथम भोग लगाएंगे तो वह प्रसन्न हो जाएंगे.
दोनों पहर गणेशजी की आरती अवश्य करें, चूँकि प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है.



यह भी पड़े....


मोदक प्रेमी :ऐसे करेंगे पूजन तो शीघ्र प्रसन्न होंगे गजानन



कल गणेशजी की स्थापना का दिन है,हर एक भक्त के मन में यह बात होती है कि पूजन में त्रुटी न रह जाए, या कैसे बप्पा मेरे ऊपर शीघ्र प्रसन्न हो जाए ? हम निम्न उपाय को अपनाकर गणेशजी की शीघ्र कृपा प्राप्त कर सकते है.....



गणेश स्थापना के लिए ली जाने वाली मूर्ति की सूंड सीधे हाथ की तरफ होनी चाहिए.
सूंड में ज्यादा घुमाव नहीं होना चाहिए.
बाई हाथ की तरफ मुड़ी हुई सूंड वाले गणपतिजी का पूजन विधान ज्यादा होता है, जो सामान्य व्यक्ति की क्षमता से परे होता है.
मूर्ति स्थापना के पहले घर की और मंदिर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
मूर्ति लेने के पूर्व मन-ही-मन गणेशजी को आह्वान करना चाहिए कि.. हे परमेश्वर मै आपका सेवक आपको अपने घर ले जाना चाहता/चाहती हूँ, कृपया आप मेरा आतिथ्य स्वीकार करें.
मूर्ति लेते समय गणेशजी के स्वरुप का ध्यान से अवलोकन करना चाहिए कि कहीं मूर्ति खंडित तो नहीं है.


बप्पाजी की मूर्ति एकदंत अर्थात एक दांत वाली होना चाहिए.
पूजन के लिए लाल आसन चौसठ मातृका व् नवगृह की स्थापना करना चाहिए.
पान-सुपारी लॉन्ग इत्यादि भी पूजन में रखना चाहिए.
गणेशजी को दुर्वा विशेष प्रिय है अतः तिंमुखी दूर्वा पूजन में रखना चाहिए.
गणेशजी की मूर्ति संभव हो तो पीताम्बर अर्थात पिली धोतीवाली व् गुलाबी रंगत लिए सुन्दर सूंड व् गोलमटोल शरीर वाले बप्पाजी ले.
गणेशजी को रक्त पुष्प पसंद है अतः पूजन में लाल रंग के पुष्प रखें.
पूजन में घट स्थापना सर्वप्रथम करें, जिसमे पांच आम के पत्ते जरुर रखे, कलश को जनेऊ पहनाकर उसके अन्दर एक सिक्का पुष्प चावल रखे.
पूजन में सुहाग पुडा अवश्य रखें.
संभव हो तो अखंड ज्योत जलाए.



प्रसाद में गणेशजी को मोदक बहुत प्रसंद है, यदि संभव हो तो घर पर ही मोदक तैयार कर उनको भोग चड़ाए.
पूजन में गणेशजी के 108 नाम का श्रवण करें.
प्रतिदिन अर्थवशीश का पाठ करें, इससे बप्पाजी शीघ्र प्रसन्न होते है.
गणेशजी बस भाव के भूखे है, आप उनको दोनों पहर आपके घर में जो बना है यूज़ ही सर्वप्रथम भोग लगाएंगे तो वह प्रसन्न हो जाएंगे.
दोनों पहर गणेशजी की आरती अवश्य करें, चूँकि प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है.



यह भी पड़े....


मोदक प्रेमी :ऐसे करेंगे पूजन तो शीघ्र प्रसन्न होंगे गजानन



कल गणेशजी की स्थापना का दिन है,हर एक भक्त के मन में यह बात होती है कि पूजन में त्रुटी न रह जाए, या कैसे बप्पा मेरे ऊपर शीघ्र प्रसन्न हो जाए ? हम निम्न उपाय को अपनाकर गणेशजी की शीघ्र कृपा प्राप्त कर सकते है.....



गणेश स्थापना के लिए ली जाने वाली मूर्ति की सूंड सीधे हाथ की तरफ होनी चाहिए.
सूंड में ज्यादा घुमाव नहीं होना चाहिए.
बाई हाथ की तरफ मुड़ी हुई सूंड वाले गणपतिजी का पूजन विधान ज्यादा होता है, जो सामान्य व्यक्ति की क्षमता से परे होता है.
मूर्ति स्थापना के पहले घर की और मंदिर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
मूर्ति लेने के पूर्व मन-ही-मन गणेशजी को आह्वान करना चाहिए कि.. हे परमेश्वर मै आपका सेवक आपको अपने घर ले जाना चाहता/चाहती हूँ, कृपया आप मेरा आतिथ्य स्वीकार करें.
मूर्ति लेते समय गणेशजी के स्वरुप का ध्यान से अवलोकन करना चाहिए कि कहीं मूर्ति खंडित तो नहीं है.


बप्पाजी की मूर्ति एकदंत अर्थात एक दांत वाली होना चाहिए.
पूजन के लिए लाल आसन चौसठ मातृका व् नवगृह की स्थापना करना चाहिए.
पान-सुपारी लॉन्ग इत्यादि भी पूजन में रखना चाहिए.
गणेशजी को दुर्वा विशेष प्रिय है अतः तिंमुखी दूर्वा पूजन में रखना चाहिए.
गणेशजी की मूर्ति संभव हो तो पीताम्बर अर्थात पिली धोतीवाली व् गुलाबी रंगत लिए सुन्दर सूंड व् गोलमटोल शरीर वाले बप्पाजी ले.
गणेशजी को रक्त पुष्प पसंद है अतः पूजन में लाल रंग के पुष्प रखें.
पूजन में घट स्थापना सर्वप्रथम करें, जिसमे पांच आम के पत्ते जरुर रखे, कलश को जनेऊ पहनाकर उसके अन्दर एक सिक्का पुष्प चावल रखे.
पूजन में सुहाग पुडा अवश्य रखें.
संभव हो तो अखंड ज्योत जलाए.



प्रसाद में गणेशजी को मोदक बहुत प्रसंद है, यदि संभव हो तो घर पर ही मोदक तैयार कर उनको भोग चड़ाए.
पूजन में गणेशजी के 108 नाम का श्रवण करें.
प्रतिदिन अर्थवशीश का पाठ करें, इससे बप्पाजी शीघ्र प्रसन्न होते है.
गणेशजी बस भाव के भूखे है, आप उनको दोनों पहर आपके घर में जो बना है यूज़ ही सर्वप्रथम भोग लगाएंगे तो वह प्रसन्न हो जाएंगे.
दोनों पहर गणेशजी की आरती अवश्य करें, चूँकि प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है.



यह भी पड़े....


मोदक प्रेमी :ऐसे करेंगे पूजन तो शीघ्र प्रसन्न होंगे गजानन



कल गणेशजी की स्थापना का दिन है,हर एक भक्त के मन में यह बात होती है कि पूजन में त्रुटी न रह जाए, या कैसे बप्पा मेरे ऊपर शीघ्र प्रसन्न हो जाए ? हम निम्न उपाय को अपनाकर गणेशजी की शीघ्र कृपा प्राप्त कर सकते है.....



गणेश स्थापना के लिए ली जाने वाली मूर्ति की सूंड सीधे हाथ की तरफ होनी चाहिए.
सूंड में ज्यादा घुमाव नहीं होना चाहिए.
बाई हाथ की तरफ मुड़ी हुई सूंड वाले गणपतिजी का पूजन विधान ज्यादा होता है, जो सामान्य व्यक्ति की क्षमता से परे होता है.
मूर्ति स्थापना के पहले घर की और मंदिर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
मूर्ति लेने के पूर्व मन-ही-मन गणेशजी को आह्वान करना चाहिए कि.. हे परमेश्वर मै आपका सेवक आपको अपने घर ले जाना चाहता/चाहती हूँ, कृपया आप मेरा आतिथ्य स्वीकार करें.
मूर्ति लेते समय गणेशजी के स्वरुप का ध्यान से अवलोकन करना चाहिए कि कहीं मूर्ति खंडित तो नहीं है.


बप्पाजी की मूर्ति एकदंत अर्थात एक दांत वाली होना चाहिए.
पूजन के लिए लाल आसन चौसठ मातृका व् नवगृह की स्थापना करना चाहिए.
पान-सुपारी लॉन्ग इत्यादि भी पूजन में रखना चाहिए.
गणेशजी को दुर्वा विशेष प्रिय है अतः तिंमुखी दूर्वा पूजन में रखना चाहिए.
गणेशजी की मूर्ति संभव हो तो पीताम्बर अर्थात पिली धोतीवाली व् गुलाबी रंगत लिए सुन्दर सूंड व् गोलमटोल शरीर वाले बप्पाजी ले.
गणेशजी को रक्त पुष्प पसंद है अतः पूजन में लाल रंग के पुष्प रखें.
पूजन में घट स्थापना सर्वप्रथम करें, जिसमे पांच आम के पत्ते जरुर रखे, कलश को जनेऊ पहनाकर उसके अन्दर एक सिक्का पुष्प चावल रखे.
पूजन में सुहाग पुडा अवश्य रखें.
संभव हो तो अखंड ज्योत जलाए.



प्रसाद में गणेशजी को मोदक बहुत प्रसंद है, यदि संभव हो तो घर पर ही मोदक तैयार कर उनको भोग चड़ाए.
पूजन में गणेशजी के 108 नाम का श्रवण करें.
प्रतिदिन अर्थवशीश का पाठ करें, इससे बप्पाजी शीघ्र प्रसन्न होते है.
गणेशजी बस भाव के भूखे है, आप उनको दोनों पहर आपके घर में जो बना है यूज़ ही सर्वप्रथम भोग लगाएंगे तो वह प्रसन्न हो जाएंगे.
दोनों पहर गणेशजी की आरती अवश्य करें, चूँकि प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है.



यह भी पड़े....