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Monday 3 December 2012

"परछाई" महबूबा यूँही नहीं तुम पर मरेगी !



एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,
अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी,
समीर को गिला शिकवा होगा,
ना बदरिया का कोई सिलसिला होगा | 

जब ये कायनात डग-मग डोलेगी,
फुर से चिड़िया दाना चुगकर,
खुले आसमां में छम-छम तेरेगी,
तुम ताकते रहना नदी किनारे,
मछली सारे रजिया के राज खोलेगी |

कलियों की कहानी पुरानी हो गई,
अब गलियों में जवानी दीवानी हो गई,
शबनम से अब हाला नहीं भरेगी,
शराबियों से अब शराब नहीं डरेगी |


तुम आइना क्यों देखते हो-
महबूबा युहीं नहीं तुम पर मरेगी,
थोड़ी घड़ियाँ थामकर चलो यारों,
इनकी कदम-कदम पर जरुरत पड़ेगी |

एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,
अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी !!!
.....अरुण "अज्ञात"

"परछाई" महबूबा यूँही नहीं तुम पर मरेगी !



एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,
अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी,
समीर को गिला शिकवा होगा,
ना बदरिया का कोई सिलसिला होगा | 

जब ये कायनात डग-मग डोलेगी,
फुर से चिड़िया दाना चुगकर,
खुले आसमां में छम-छम तेरेगी,
तुम ताकते रहना नदी किनारे,
मछली सारे रजिया के राज खोलेगी |

कलियों की कहानी पुरानी हो गई,
अब गलियों में जवानी दीवानी हो गई,
शबनम से अब हाला नहीं भरेगी,
शराबियों से अब शराब नहीं डरेगी |


तुम आइना क्यों देखते हो-
महबूबा युहीं नहीं तुम पर मरेगी,
थोड़ी घड़ियाँ थामकर चलो यारों,
इनकी कदम-कदम पर जरुरत पड़ेगी |

एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,
अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी !!!
.....अरुण "अज्ञात"

"परछाई" महबूबा यूँही नहीं तुम पर मरेगी !



एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,
अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी,
समीर को गिला शिकवा होगा,
ना बदरिया का कोई सिलसिला होगा | 

जब ये कायनात डग-मग डोलेगी,
फुर से चिड़िया दाना चुगकर,
खुले आसमां में छम-छम तेरेगी,
तुम ताकते रहना नदी किनारे,
मछली सारे रजिया के राज खोलेगी |

कलियों की कहानी पुरानी हो गई,
अब गलियों में जवानी दीवानी हो गई,
शबनम से अब हाला नहीं भरेगी,
शराबियों से अब शराब नहीं डरेगी |


तुम आइना क्यों देखते हो-
महबूबा युहीं नहीं तुम पर मरेगी,
थोड़ी घड़ियाँ थामकर चलो यारों,
इनकी कदम-कदम पर जरुरत पड़ेगी |

एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,
अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी !!!
.....अरुण "अज्ञात"

परछाई,महबूबा यूँही नहीं तुम पर मरेगी



एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,

अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी,
समीर को गिला शिकवा होगा,
ना बदरिया का कोई सिलसिला होगा | 

जब ये कायनात डग-मग डोलेगी,
फुर से चिड़िया दाना चुगकर,
खुले आसमां में छम-छम तेरेगी,
तुम ताकते रहना नदी किनारे,
मछली सारे रजिया के राज खोलेगी |

कलियों की कहानी पुरानी हो गई,
अब गलियों में जवानी दीवानी हो गई,
शबनम से अब हाला नहीं भरेगी,
शराबियों से अब शराब नहीं डरेगी |


तुम आइना क्यों देखते हो-
महबूबा युहीं नहीं तुम पर मरेगी,
थोड़ी घड़ियाँ थामकर चलो यारों,
इनकी कदम-कदम पर जरुरत पड़ेगी |

एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,
अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी 

परछाई,महबूबा यूँही नहीं तुम पर मरेगी



एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,

अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी,
समीर को गिला शिकवा होगा,
ना बदरिया का कोई सिलसिला होगा | 

जब ये कायनात डग-मग डोलेगी,
फुर से चिड़िया दाना चुगकर,
खुले आसमां में छम-छम तेरेगी,
तुम ताकते रहना नदी किनारे,
मछली सारे रजिया के राज खोलेगी |

कलियों की कहानी पुरानी हो गई,
अब गलियों में जवानी दीवानी हो गई,
शबनम से अब हाला नहीं भरेगी,
शराबियों से अब शराब नहीं डरेगी |


तुम आइना क्यों देखते हो-
महबूबा युहीं नहीं तुम पर मरेगी,
थोड़ी घड़ियाँ थामकर चलो यारों,
इनकी कदम-कदम पर जरुरत पड़ेगी |

एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,
अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी 

परछाई,महबूबा यूँही नहीं तुम पर मरेगी



एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,

अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी,
समीर को गिला शिकवा होगा,
ना बदरिया का कोई सिलसिला होगा | 

जब ये कायनात डग-मग डोलेगी,
फुर से चिड़िया दाना चुगकर,
खुले आसमां में छम-छम तेरेगी,
तुम ताकते रहना नदी किनारे,
मछली सारे रजिया के राज खोलेगी |

कलियों की कहानी पुरानी हो गई,
अब गलियों में जवानी दीवानी हो गई,
शबनम से अब हाला नहीं भरेगी,
शराबियों से अब शराब नहीं डरेगी |


तुम आइना क्यों देखते हो-
महबूबा युहीं नहीं तुम पर मरेगी,
थोड़ी घड़ियाँ थामकर चलो यारों,
इनकी कदम-कदम पर जरुरत पड़ेगी |

एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी,
अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी 

Wednesday 29 February 2012

तू जिंदगी ना सही,तेरा एहसास हमेशा साथ रहेगा !

देखो फिर आँखोंमें नमी-सीछा गई है,

वो सूरत जोआँखों से ओझलहुई नहीं कभी,

वो यादें जो ख्यालोंसे दूर गईनहीं कभी,

आज वो चुपकेसे फिर ख़्वाबोंमें गईहै,

खुदा जो चाहा मैंनेवही तुने मुझकोदिया,

जिसमे तुझको देखा मैंनेवही तुने छीनलिया,

शिकायत नहीं तुझसेये इल्तजा रहगई है,

जैसे जिन्दगी जहां अबथमी-सी रहगई है,

बस जिन्दगी में उसकीकमी-सी रहगई है,,,,,,,,Pancho

तू जिंदगी ना सही,तेरा एहसास हमेशा साथ रहेगा !

देखो फिर आँखोंमें नमी-सीछा गई है,

वो सूरत जोआँखों से ओझलहुई नहीं कभी,

वो यादें जो ख्यालोंसे दूर गईनहीं कभी,

आज वो चुपकेसे फिर ख़्वाबोंमें गईहै,

खुदा जो चाहा मैंनेवही तुने मुझकोदिया,

जिसमे तुझको देखा मैंनेवही तुने छीनलिया,

शिकायत नहीं तुझसेये इल्तजा रहगई है,

जैसे जिन्दगी जहां अबथमी-सी रहगई है,

बस जिन्दगी में उसकीकमी-सी रहगई है,,,,,,,,Pancho

तू जिंदगी ना सही,तेरा एहसास हमेशा साथ रहेगा !

देखो फिर आँखोंमें नमी-सीछा गई है,

वो सूरत जोआँखों से ओझलहुई नहीं कभी,

वो यादें जो ख्यालोंसे दूर गईनहीं कभी,

आज वो चुपकेसे फिर ख़्वाबोंमें गईहै,

खुदा जो चाहा मैंनेवही तुने मुझकोदिया,

जिसमे तुझको देखा मैंनेवही तुने छीनलिया,

शिकायत नहीं तुझसेये इल्तजा रहगई है,

जैसे जिन्दगी जहां अबथमी-सी रहगई है,

बस जिन्दगी में उसकीकमी-सी रहगई है,,,,,,,,Pancho