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सही कौन : रानी पद्मावती का चिंतामण तोता या भ्रमित भंसाली





बॉलीवुड में पीरियड फिल्मो का दौर फिर से शुरू हो चूका है और इस दौर को लाने का श्रेय जाता है संजय लीला ऐ भंसाली को, जो भव्य क्लासिकल फिल्म बनाने में महारत हासिल कर चुके है, पर लगता है एक के बाद एक भव्य फिल्म बनाने के चक्कर में लीलाजी खुद घनचक्कर हो गए है. उनको ऐसा भ्रम है कि “Boss is always right” की तर्ज़ पर वह always right है और सारा ज़माना बेवकूफ. 




एक बार बाजीराव मस्तानी बनाकर वो अपने को K. Asif के समकक्ष सिद्ध करने का प्रयास कर चुके है, उनका यह प्रयास काबिल-ऐ-तारीफ़ था पर दीपिका कहीं भी मधुबाला के आसन-पासन में नहीं लगती.... मोरे पनघट पर नन्दलाल छेड़ गयो(मुग़ल-ऐ-आज़म)... की तर्ज़ पर मोहे रंग दो लाल(बाजीराव मस्तानी).... दीपिका पर फिल्माया गाना देखकर हंसी छुट जाती है. दीपिका अपनी हाईट के कारण बेम्बू जैसी फीलिंग देती है. मधुबाला और दीपिका की आपस में तुलना जैसे सूरज को दिया बताने के बराबर है. 



अब फिर से भंसालीजी ने अपनी डेढ़ बुद्धि का परिचय देते हुए दीपिका को रानी पद्मावती के लिए कास्ट करने जा रहे है. काश! कोई जाकर लीलाजी का नोलेज बिल्ड उप करे की रानी पद्मावती “Legend Royal Beauty थी उसके लिए कोई क्लासिकल ब्यूटी लेना चाहिए. हम यह नहीं कहते कि पादुकोण खुबसूरत नहीं है पर दीपिका बोल्ड एंड ब्यूटीफुल तो है, लेकिन रॉयल ब्यूटी की केटेगरी में नहीं आती है. 




भारतीय सुंदरियाँ शुरुआत से ही गुदास बदन की रही है, इस वर्ग में वेजन्तिमाला,मधुबाला,मीना कुमारी,हेमा मालिनी,रेखा,श्रीदेवी,माधुरी दीक्षित,ऐश्वर्या राय बच्चन और कुछ हद तक सोनाक्षी भी आती है, पर दीपिका कतई नहीं आती है. रानी पद्मावती सिहल देश जो अब श्रीलंका है की राजकुमारी थी.... हीरामणि तोते से उसकी सुन्दरता की तारीफ सुनकर चित्तोड़ नरेश रजा रतन सिंह उससे शादी के लिए आतुर हो गए थे, और अलाउद्दीन खिल्जी पानी में उसकी एक झलक देखकर उसको पाने के लिए पागल हो गया था. अब आप ही बताये की क्या दीपिका इतनी खुबसूरत है कि उसको रानी पद्मावती बनाया जाए और अगर किसी को भी परदे पर दिखाना है तो फिर अपनी स्ट्रोंग जनरल नोलज वाली...चुलबुली आलिया क्या बुरी है ??? 



इसी तरह से राजा रतन सिंह के लिए नाटे से शाहिद को फाइनल किया गया है, जबकि राजस्थानी लम्बे-सुडोल और सलोनी रंगत लिए होते है. अब आप खुद ही इमेजिन करिए कि शाहिद राजा रतनसिंह के रोल में कितने बकलोल फील होंगे. अलाउद्दीन खिल्जी की कास्टिंग में रणवीर सिंह तो ठीकठाक लगेंगे पर मुख्य भूमिका में पद्मावती और राजा रतनसिंह की कास्टिंग तो सिवाय हास्यापद के अलावा कुछ नहीं है. लगता है भंसाली जी की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है, भगवन के लिए कोई उनको मालिक मोहम्मद जाइसी का “पदमावत काव्य” पड़ने को दे या हीरमण तोते को ही उनके पास पहुंचाकर उनका ज्ञान बड़ा दे.......


सही कौन : रानी पद्मावती का चिंतामण तोता या भ्रमित भंसाली





बॉलीवुड में पीरियड फिल्मो का दौर फिर से शुरू हो चूका है और इस दौर को लाने का श्रेय जाता है संजय लीला ऐ भंसाली को, जो भव्य क्लासिकल फिल्म बनाने में महारत हासिल कर चुके है, पर लगता है एक के बाद एक भव्य फिल्म बनाने के चक्कर में लीलाजी खुद घनचक्कर हो गए है. उनको ऐसा भ्रम है कि “Boss is always right” की तर्ज़ पर वह always right है और सारा ज़माना बेवकूफ. 




एक बार बाजीराव मस्तानी बनाकर वो अपने को K. Asif के समकक्ष सिद्ध करने का प्रयास कर चुके है, उनका यह प्रयास काबिल-ऐ-तारीफ़ था पर दीपिका कहीं भी मधुबाला के आसन-पासन में नहीं लगती.... मोरे पनघट पर नन्दलाल छेड़ गयो(मुग़ल-ऐ-आज़म)... की तर्ज़ पर मोहे रंग दो लाल(बाजीराव मस्तानी).... दीपिका पर फिल्माया गाना देखकर हंसी छुट जाती है. दीपिका अपनी हाईट के कारण बेम्बू जैसी फीलिंग देती है. मधुबाला और दीपिका की आपस में तुलना जैसे सूरज को दिया बताने के बराबर है. 



अब फिर से भंसालीजी ने अपनी डेढ़ बुद्धि का परिचय देते हुए दीपिका को रानी पद्मावती के लिए कास्ट करने जा रहे है. काश! कोई जाकर लीलाजी का नोलेज बिल्ड उप करे की रानी पद्मावती “Legend Royal Beauty थी उसके लिए कोई क्लासिकल ब्यूटी लेना चाहिए. हम यह नहीं कहते कि पादुकोण खुबसूरत नहीं है पर दीपिका बोल्ड एंड ब्यूटीफुल तो है, लेकिन रॉयल ब्यूटी की केटेगरी में नहीं आती है. 




भारतीय सुंदरियाँ शुरुआत से ही गुदास बदन की रही है, इस वर्ग में वेजन्तिमाला,मधुबाला,मीना कुमारी,हेमा मालिनी,रेखा,श्रीदेवी,माधुरी दीक्षित,ऐश्वर्या राय बच्चन और कुछ हद तक सोनाक्षी भी आती है, पर दीपिका कतई नहीं आती है. रानी पद्मावती सिहल देश जो अब श्रीलंका है की राजकुमारी थी.... हीरामणि तोते से उसकी सुन्दरता की तारीफ सुनकर चित्तोड़ नरेश रजा रतन सिंह उससे शादी के लिए आतुर हो गए थे, और अलाउद्दीन खिल्जी पानी में उसकी एक झलक देखकर उसको पाने के लिए पागल हो गया था. अब आप ही बताये की क्या दीपिका इतनी खुबसूरत है कि उसको रानी पद्मावती बनाया जाए और अगर किसी को भी परदे पर दिखाना है तो फिर अपनी स्ट्रोंग जनरल नोलज वाली...चुलबुली आलिया क्या बुरी है ??? 



इसी तरह से राजा रतन सिंह के लिए नाटे से शाहिद को फाइनल किया गया है, जबकि राजस्थानी लम्बे-सुडोल और सलोनी रंगत लिए होते है. अब आप खुद ही इमेजिन करिए कि शाहिद राजा रतनसिंह के रोल में कितने बकलोल फील होंगे. अलाउद्दीन खिल्जी की कास्टिंग में रणवीर सिंह तो ठीकठाक लगेंगे पर मुख्य भूमिका में पद्मावती और राजा रतनसिंह की कास्टिंग तो सिवाय हास्यापद के अलावा कुछ नहीं है. लगता है भंसाली जी की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है, भगवन के लिए कोई उनको मालिक मोहम्मद जाइसी का “पदमावत काव्य” पड़ने को दे या हीरमण तोते को ही उनके पास पहुंचाकर उनका ज्ञान बड़ा दे.......


सही कौन : रानी पद्मावती का चिंतामण तोता या भ्रमित भंसाली





बॉलीवुड में पीरियड फिल्मो का दौर फिर से शुरू हो चूका है और इस दौर को लाने का श्रेय जाता है संजय लीला ऐ भंसाली को, जो भव्य क्लासिकल फिल्म बनाने में महारत हासिल कर चुके है, पर लगता है एक के बाद एक भव्य फिल्म बनाने के चक्कर में लीलाजी खुद घनचक्कर हो गए है. उनको ऐसा भ्रम है कि “Boss is always right” की तर्ज़ पर वह always right है और सारा ज़माना बेवकूफ. 




एक बार बाजीराव मस्तानी बनाकर वो अपने को K. Asif के समकक्ष सिद्ध करने का प्रयास कर चुके है, उनका यह प्रयास काबिल-ऐ-तारीफ़ था पर दीपिका कहीं भी मधुबाला के आसन-पासन में नहीं लगती.... मोरे पनघट पर नन्दलाल छेड़ गयो(मुग़ल-ऐ-आज़म)... की तर्ज़ पर मोहे रंग दो लाल(बाजीराव मस्तानी).... दीपिका पर फिल्माया गाना देखकर हंसी छुट जाती है. दीपिका अपनी हाईट के कारण बेम्बू जैसी फीलिंग देती है. मधुबाला और दीपिका की आपस में तुलना जैसे सूरज को दिया बताने के बराबर है. 



अब फिर से भंसालीजी ने अपनी डेढ़ बुद्धि का परिचय देते हुए दीपिका को रानी पद्मावती के लिए कास्ट करने जा रहे है. काश! कोई जाकर लीलाजी का नोलेज बिल्ड उप करे की रानी पद्मावती “Legend Royal Beauty थी उसके लिए कोई क्लासिकल ब्यूटी लेना चाहिए. हम यह नहीं कहते कि पादुकोण खुबसूरत नहीं है पर दीपिका बोल्ड एंड ब्यूटीफुल तो है, लेकिन रॉयल ब्यूटी की केटेगरी में नहीं आती है. 




भारतीय सुंदरियाँ शुरुआत से ही गुदास बदन की रही है, इस वर्ग में वेजन्तिमाला,मधुबाला,मीना कुमारी,हेमा मालिनी,रेखा,श्रीदेवी,माधुरी दीक्षित,ऐश्वर्या राय बच्चन और कुछ हद तक सोनाक्षी भी आती है, पर दीपिका कतई नहीं आती है. रानी पद्मावती सिहल देश जो अब श्रीलंका है की राजकुमारी थी.... हीरामणि तोते से उसकी सुन्दरता की तारीफ सुनकर चित्तोड़ नरेश रजा रतन सिंह उससे शादी के लिए आतुर हो गए थे, और अलाउद्दीन खिल्जी पानी में उसकी एक झलक देखकर उसको पाने के लिए पागल हो गया था. अब आप ही बताये की क्या दीपिका इतनी खुबसूरत है कि उसको रानी पद्मावती बनाया जाए और अगर किसी को भी परदे पर दिखाना है तो फिर अपनी स्ट्रोंग जनरल नोलज वाली...चुलबुली आलिया क्या बुरी है ??? 



इसी तरह से राजा रतन सिंह के लिए नाटे से शाहिद को फाइनल किया गया है, जबकि राजस्थानी लम्बे-सुडोल और सलोनी रंगत लिए होते है. अब आप खुद ही इमेजिन करिए कि शाहिद राजा रतनसिंह के रोल में कितने बकलोल फील होंगे. अलाउद्दीन खिल्जी की कास्टिंग में रणवीर सिंह तो ठीकठाक लगेंगे पर मुख्य भूमिका में पद्मावती और राजा रतनसिंह की कास्टिंग तो सिवाय हास्यापद के अलावा कुछ नहीं है. लगता है भंसाली जी की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है, भगवन के लिए कोई उनको मालिक मोहम्मद जाइसी का “पदमावत काव्य” पड़ने को दे या हीरमण तोते को ही उनके पास पहुंचाकर उनका ज्ञान बड़ा दे.......


सही कौन : रानी पद्मावती का चिंतामण तोता या भ्रमित भंसाली





बॉलीवुड में पीरियड फिल्मो का दौर फिर से शुरू हो चूका है और इस दौर को लाने का श्रेय जाता है संजय लीला ऐ भंसाली को, जो भव्य क्लासिकल फिल्म बनाने में महारत हासिल कर चुके है, पर लगता है एक के बाद एक भव्य फिल्म बनाने के चक्कर में लीलाजी खुद घनचक्कर हो गए है. उनको ऐसा भ्रम है कि “Boss is always right” की तर्ज़ पर वह always right है और सारा ज़माना बेवकूफ. 




एक बार बाजीराव मस्तानी बनाकर वो अपने को K. Asif के समकक्ष सिद्ध करने का प्रयास कर चुके है, उनका यह प्रयास काबिल-ऐ-तारीफ़ था पर दीपिका कहीं भी मधुबाला के आसन-पासन में नहीं लगती.... मोरे पनघट पर नन्दलाल छेड़ गयो(मुग़ल-ऐ-आज़म)... की तर्ज़ पर मोहे रंग दो लाल(बाजीराव मस्तानी).... दीपिका पर फिल्माया गाना देखकर हंसी छुट जाती है. दीपिका अपनी हाईट के कारण बेम्बू जैसी फीलिंग देती है. मधुबाला और दीपिका की आपस में तुलना जैसे सूरज को दिया बताने के बराबर है. 



अब फिर से भंसालीजी ने अपनी डेढ़ बुद्धि का परिचय देते हुए दीपिका को रानी पद्मावती के लिए कास्ट करने जा रहे है. काश! कोई जाकर लीलाजी का नोलेज बिल्ड उप करे की रानी पद्मावती “Legend Royal Beauty थी उसके लिए कोई क्लासिकल ब्यूटी लेना चाहिए. हम यह नहीं कहते कि पादुकोण खुबसूरत नहीं है पर दीपिका बोल्ड एंड ब्यूटीफुल तो है, लेकिन रॉयल ब्यूटी की केटेगरी में नहीं आती है. 




भारतीय सुंदरियाँ शुरुआत से ही गुदास बदन की रही है, इस वर्ग में वेजन्तिमाला,मधुबाला,मीना कुमारी,हेमा मालिनी,रेखा,श्रीदेवी,माधुरी दीक्षित,ऐश्वर्या राय बच्चन और कुछ हद तक सोनाक्षी भी आती है, पर दीपिका कतई नहीं आती है. रानी पद्मावती सिहल देश जो अब श्रीलंका है की राजकुमारी थी.... हीरामणि तोते से उसकी सुन्दरता की तारीफ सुनकर चित्तोड़ नरेश रजा रतन सिंह उससे शादी के लिए आतुर हो गए थे, और अलाउद्दीन खिल्जी पानी में उसकी एक झलक देखकर उसको पाने के लिए पागल हो गया था. अब आप ही बताये की क्या दीपिका इतनी खुबसूरत है कि उसको रानी पद्मावती बनाया जाए और अगर किसी को भी परदे पर दिखाना है तो फिर अपनी स्ट्रोंग जनरल नोलज वाली...चुलबुली आलिया क्या बुरी है ??? 



इसी तरह से राजा रतन सिंह के लिए नाटे से शाहिद को फाइनल किया गया है, जबकि राजस्थानी लम्बे-सुडोल और सलोनी रंगत लिए होते है. अब आप खुद ही इमेजिन करिए कि शाहिद राजा रतनसिंह के रोल में कितने बकलोल फील होंगे. अलाउद्दीन खिल्जी की कास्टिंग में रणवीर सिंह तो ठीकठाक लगेंगे पर मुख्य भूमिका में पद्मावती और राजा रतनसिंह की कास्टिंग तो सिवाय हास्यापद के अलावा कुछ नहीं है. लगता है भंसाली जी की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है, भगवन के लिए कोई उनको मालिक मोहम्मद जाइसी का “पदमावत काव्य” पड़ने को दे या हीरमण तोते को ही उनके पास पहुंचाकर उनका ज्ञान बड़ा दे.......