पलकों पे बिठा लूँ तुमको 
आंखों में बसा लूँ तुमको 
कोई ख्वाब बना लूँ तुमको 
ज़रा नज़रों से नजरें तो मिलाओ 
कि जीभर के प्यार कर लूँ तुमको 
ऐ हसीं नजारों की मलिका
आज निगाहों का गुरुर बना लूँ तुमको 
फिर कोई नज़र ना लगे इस हीरे को 
की आज नुरे-नज़र बना लूँ तुमको ,,,,,,,,
 
 
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