कश्ती
समंद्दर है गहरा,साहिलों पे है पहरा
लहरों से अल्फाज़े शिकायत क्या करें
जब कश्ती ने बिच भंवर में साथ छोड़ दिया मेरा ,,,,,,अरुण "अज्ञात"
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