माता हरी:एक जासूस,डांसर,रखैल और कामुक बला



पुराने समय में राजा महाराजा किसी अन्य देश को मात देने के लिए विषकन्या का सहारा लेते थे, इसी प्रकार प्रथम विश्व युद्ध के समय यूरोपीय देशों ने अनेक सुंदरियों का सहारा एकर कई देशो की गुप्त जानकारियाँ हासिल की. और जब इन खुबसूरत महिला जासूसों का ज़िक्र आता है तो सबसे पहले अन्यतम सुंदरी Mata Hari (The Day Of Eye) को भला कौन भूल सकता है, जिसने अपने दिलकश हुस्न के जादू से प्रथम विश्व युद्ध को और भी गर्मा दिया था. 

माता हरी एक dutch कमौत्तेजक नृतकी थी, जिसने भारतीय नृत्य मुद्राओं का समावेश कर ऐसा कमौत्तेजक डांस प्रस्तुत किया कि जिसके काम बाण से घायल हो फ्रांस और जर्मनी के ऑफिसर्स काम वासना से अधीर हो गए. वेसे इस खुबसूरत बला का वास्तविक नाम मारग्रेट था और उसका जन्म सन 1876 में नीदरलैंड के पास एक कस्बे में हुआ था. उसका जीवन बहुत तनहाली में बिता था, बाप दिवालिया हो चूका था और पंद्रह साल की बाली उम्र में माँ का साया भी सिर से उठ चूका था. वो और उसके भाई रिश्तेदारों के यहाँ बड़े हुए, इस छोटी सी उम्र में यह बात अच्छे से समझ चुकी थी कि उसकी जवानी ही उसको सफलता को केस कर सकती है.


19 साल की कमसिन जवानी में उसने अपने से 21 साल बड़े आर्मी कप्तान को शादी के लिए राजी कर लिया, यह किस्सा भी बड़ा ही रोचक है कि इया आर्मी कप्तान ने अपनी शादी का विज्ञापन अखबार में दिया था. आलिशान ज़िन्दगी के लालच में माता हरी ने बड़े ही सेक्सी पोज में अपने फोटो पोस्ट कर उसे शादी के लिए उत्तेजित कर दिया. यह शादी सिर्फ 9 साल तक चली, इस शादी से उसे 2 लड़के और 2 लड़किया हुई. पति की शराबखोरी व् उम्र के अंतर के चलते उसने अनेक आर्मी ऑफिसर्स के साथ विवाह पश्चात शारीरिक सम्बन्ध बनाए. उसकी शादीशुदा ज़िन्दगी में भूचाल तब आया जब उसके ही नौकर ने उसके दोनों लड़कों को जहर देकर मौत की नींद सुला दिया, उसने ऐसा क्यूँ किया यह आज भी रहस्य का विषय है. इसके बाद उसकी मैरिड लाइफ बर्बाद हो गई. वह 1899 में सब कुछ छोड़कर पेरिस आ गई और वहां के एक फ्रेंच राजनीतिज्ञ की रखैल बनकर रहने लगी. 


उसकी खूबसूरती और उसकी कामुक अदा ने यहाँ पर भी अनेकों दिलफेंक आशिक पैदा कर दिए, उसका सफ़र यहाँ भी नहीं थमा. माता हहरी ने कामोत्तेजक नृत्य सीखकर कई मिलिट्री ऑफिसर्स की नींद चुरा ली. कई मिलिट्री अफसर व् राजनीतिज्ञ उसके साथ हम बिस्तर होने के लिए अपना सबकुछ लुटाने के लिए लालायित रहते थे. वह अपनी कामुक कला व् योवन का भरपूर दोहन कर रही थी, इसकी इसी अदा को फ्रेंच सरकार न प्रथम विश्वयुद्ध के समय हथियार बना कर जर्मन मिलिट्री ऑफिसर की गोपनीय जानकारी हासिल की पर माता हरी की पैसे की भूख और लालच बहुत बड़ चुकी थी, उसने फ्रांस सरकार की भी जानकारी जर्मनी सरकार को लाकर दे दी. 


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उसके आशिकों में जर्मन,फ्रांसिसी और ना जाने कितने अधिकारी व् राजनीतिज्ञ शामिल थे और वह न जाने कितनो की रखैल थी, पर एक न एक दिन उसके काले और कामुक कारनामो का अंत होना था, फ्रांस सरकार को उसके डबल एजेंट होने का पता चल गया और सन 1917 में इस खुबसूरत बला को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया. इस प्रकार विश्व की सबसे खुबसूरत और ख़तरनाक जासूस का अंत हो गया.


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